गौरक्षक जुंझार नरपतसिंहजी
सर्वदेवमये देवि सर्वदेवेर लंकृते | मातरममाभिलषितं सफलम कुरुनंदिनी ||” इस उक्ति की सार्थकता सिद्ध करती गौरक्षक जुंझार नरपतसिंहजी की वीर गाथा इस प्रकार हैं:-
शेखासर गांव के ठाकुर जोगराजसिंह जी केलण भाटी के घर कुंवर नरपत सिंह का जन्म हुआ | युवा अवस्था में उनकी शादी की चर्चा होने पर वह हमेशा मना कर देते थे………..