" टेपू जोधाणी "

यह उपभाग जोधाणी राव खिंयोजी के वंशज उदयसिंह के द्वारा बसाया गया | इस गाँव में मुख्यतया केलण भाटी वंश के परिवार हैं| इसके अलावा सेन परिवार एवम मांगनियार परिवार भी निवास करते हैं जिनका इस गाँव की संस्कृति को संजोए रखने में अहम् योगदान रहा हैं| इसमें श्रीकृष्ण मंदिर, कुलदेवी स्वान्गियाजी का मंदिर , जुंझार श्री नरपतसिंहजी का मंदिर, शिव मंदिर के अलावा स्थानीय देवताओं के मंदिर स्थित हैं | यहाँ के कृष्णा सागर “तालाब”, पास के मंदिर एवं प्राकृतिक स्थान बहुत ही मनमोहक और दर्शनीय हैं | श्रीकृष्ण जन्माषटमी , नवरात्री एवं शिवरात्रि के समय धार्मिक कार्यक्रम काफी धूमधाम से मनाये जाते हैं | पंचायत मुख्यालय, राजकीय उच्च माध्यमिक विध्यालय एवं मूलभूत आवश्यकता की दुकानें यहां स्थित हैं | इस उपभाग 120 के करीब परिवार यहां रहते हैं| निकटतम रेलवे स्टेशन : फलोदी (दूरी : 50 किमी) हैं| जिला मुख्यालय जोधपुर से इस गाँव की दुरी 190 किमी और तहसील बाप से इसकी दुरी 45 किमी हैं| अधिकतर युवा सरकारी नौकरी में कार्यरत हैं| इसके अलावा विदेश में और भारत के अन्य हिस्सों में व्यवसाय के उदेश्य से लोग निवास कर रहें हैं| ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय कृषि हैं जिसमें उन्होंने अतुलनीय उन्नति की हैं| साक्षरता दर 70 % से अधिक हैं जो कि गत दशक से काफी बड़ी हैं| कारगिल युद्ध और कई आपरेशन में भाग लेने वाले भूतपूर्व सैनिक इस गांव का गौरव हैं| ग्रामीण अस्पताल , उच्च शिक्षा का माध्यम एवं पक्की सड़कें इस गांव को आधुनिकता से जोड़ते हैं|गाँव में प्राचीन तलवार मौजूद हैं जोकि पीढ़ी दर पीढ़ी इस केलण परिवार के पास वर्तमान में हैं|

1. राधा-कृष्णा मंदिर

                अपने इष्टदेव श्री कृष्ण के प्रति गांववालों की आस्था व्यक्त करता यह मंदिर अपने आप में दर्शनीय हैं| मंदिर की निर्माण सामग्री में ना केवल भारत अपितु विश्व प्रसिद्ध सामग्री का उपयोग हुआ हैं| मंदिर में जोधपुरी पत्थर के साथ जर्मन सिल्वर के दरवाजे इसकी रूपरेखा में चार चाँद लगा देते हैं|मंदिर का निर्माण वर्ष 2011 में हुआ था| मंदिर निर्माण में टेपू के सभी उपभागों के ग्रामीणों ने पूर्ण सहयोग दिया जोकि गाँव की एकता को प्रदर्शित करता हैं| मंदिर के साथ ही मंदिर संग्रहालय, रसोई, पुजारी-गृह एवं पक्षी चुगास्थल बनाया गया हैं| कृष्णा सागर तालाब के तट पर यह मंदिर काफी दर्शनीय हैं| समाज के सभी वर्ग के साथ पड़ोस के विश्नोई समाज भी मंदिर के प्रति श्रध्दा रखता हैं| मंदिर निर्माण में मूर्ति स्थापना के समय जबरदस्त बारिश का होना इस मंदिर में श्री कृष्ण के आशीर्वाद को प्रकट करता हैं| द्वार रक्षक के रूप में हनुमान जी और कार्तिकेय की मुर्तियां स्थित हैं| कृष्ण जन्म-अष्टमी में बड़ा मेला भरता हैं एवं धूमधाम से पूजा की जाती हैं|

2. शिव पार्वती मंदिर

श्री कृष्ण मंदिर के पास ही शिव पार्वती का मंदिर स्थित हैं| दोनों मंदिर का निर्माण साथ ही हुआ था | मंदिर में शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, नंदी एवं शिवलिंग की मूर्तियां स्थित हैं | महा शिवरात्रि के दिन मंदिर में शिवजी की विशेष पूजा की जाती हैं| प्रत्येक सोमवार को मंदिर में सभी समुदाय बड़ी संख्या में पूजा-दर्शन करने आते हैं|मंदिर की निर्माण सामग्री में ना केवल भारत अपितु विश्व प्रसिद्ध सामग्री का उपयोग हुआ हैं| मंदिर में जोधपुरी पत्थर के साथ जर्मन सिल्वर के दरवाजे इसकी रूपरेखा एवम छवि की सुन्दरता बढ़ाते हैं|

3. कृष्णा सागर तालाब

इस तालाब का निर्माण ग्रामीणों द्वारा मिलकर किया गया |तत्पश्चात विस्तार कार्य सरकारी योजनओं द्वारा किया गया| राधा-कृष्ण एवम शिव-पार्वती मंदिर इसी के तट पर स्थित हैं| यह तालाब करीबन 90 साल पुरानी हैं | इसका पानी का जगत-क्षेत्र कई बीघों में फैला हुआ हैं | इसके चारों तरफ की हरियाली एवम प्राकृतिक स्थान का नजारा किसी पर्यटक स्थल से कम नहीं हैं| पीने के पानी का यह गाँव में सबसे पुराना स्रोत हैं| पशु धन के साथ घरेलु पानी का यह सबसे बड़ा स्रोत हैं| इसमें एक साथ 1000 के करीब पशुधन पानी पी सकते हैं|

4. कुलदेवी स्वांगिया राय का मंदिर

भाटी वंश की कुलदेवी स्वान्गीया जी का यह मंदिर काफी प्राचीन हैं| जो कि कृष्णसागर तालाब के पास ही स्थित हैं| मंदिर में नित पूजा की जाती हैं एवम नवरात्रि में धूमधाम से पर्व मनाया जाता हैं| माता के आशीर्वाद से ही ग्राम के अधिकतर परिवार सदस्य सरकारी नौकरी में एवं स्वरोजगार में कार्यरत हैं|

5. जुंझार नरपतसिंहजी

टेपू के इस उपभाग में गौरक्षक जुंझार नरपतसिंहजी का मंदिर स्थित हैं| शेखासर गांव के ठाकुर जोगराजसिंह जी केलण भाटी के पुत्र नरपतसिंह जी क्षत्रिय धर्म का पालन करते हुवे गौरक्षा में वीरगति को प्राप्त हो गए थे| इनका मंदिर टेपू जोधानी में हैं|वैशाख माह के शुकल पक्ष की तृतीया को गौरक्षक जुंझार नरपतसिंहजी के मंदिर धाम में मेला लगता हैं और इनकी पूजा की जाती हैं| दादोसा की छतरी-स्थापत्य कला काफी भव्य हैं | दादोसा का चमत्कार एवम प्रचार अनंत हैं|( नोट:इस साईट में जुंझार नरपतसिंहजी की पोस्ट पर पूरा जीवन-परिचय एवम यशोगाथा जरुर पढ़ें|)

6. पंचायत मुख्यालय

टेपू के जोधाणी उपभाग में स्थित सरकारी कार्यालय पंचायत मुख्यालय सभी ग्रामवासी के लिए सुविधा का केंद्र हैं| ई-मित्र की सुविधा उपलब्ध हो जाने के कारण एक ग्रामवासी के सारे काम एक ही स्थान पर पुरे हो जाते हैं| सरकारी आदेशानुसार समय-समय पर यहाँ मीटिंग आयोजित की जाती हैं जिसमे गाँव के विकास और भविष्य की चर्चा होती हैं और जन समस्या का निवारण किया जाता हैं|

7.राजकीय उच्च माध्यामिक विद्यालय

यह टेपू गाँव में उच्च शिक्षा का प्रमुख केंद्र राजकीय उच्च माध्यामिक विद्यालय हैं| जिसमे न केवल टेपू के बल्कि आसपास के गाँव के भी विद्यार्थी पढने आते हैं| उच्च शिक्षा के सारे साधन यहाँ मौजूद हैं| यहाँ से पढ़कर विद्यार्थियों ने बडे- बड़े मुकाम हासिल किये हैं| हरा-भरा वातावरण और पक्की सड़क से कनेक्टिविटी इस विद्यालय की शिक्षा को और भी सुगम बना देती हैं| इसके साथ ही फुटबॉल एवं वोलीबॉल का कोर्ट भी हैं | यह फलोदी तहसील में गाँव स्तर पर सबसे पुरानी विद्यालय हैं|

8.जोगमाया माता मंदिर

जोगमाया माता का मंदिर सरकारी कुऐ के पास स्थित हैं| इस मंदिर का निर्माण सरकारी कुऐ के साथ ही हुआ था | यह मंदिर काफी प्राचीन एवम चमत्कारी हैं| जोगमाया माता का यह टेपू में एक मात्र मंदिर हैं|

9. सरकारी कुआं

टेपू गाँव में सबसे पुराना सरकारी कुआं हैं जो जन साधारण के लिए पानी का पुराने समय से बड़ा स्रोत माना जाता हैं | टेपू गाँव के मध्य भाग में स्थित होने के कारण यह सभी के लिए सुलभ हैं| पशुधन की सुलभता के लिए इसके पास पानी की होदीयां बनाई गयी हैं| यह फलोदी तहसील में गाँव स्तर पर सबसे पुराना कुआं हैं| विघुत द्वारा संचालित यह कुँआ प्राचीन समय में बैल-ऊंट से क्रियान्वित था| राजकीय उच्च माध्यामिक विद्यालय एवं सरकारी कुआं का निर्माण पूर्व सरपंच स्व: श्री सूबेदार बलिदान सिंह जी के समय हुआ | यह उनकी दूरद्रष्टि एवम बुद्धिमता थी कि उन्होने शिक्षा और मूलभूत सुविधा के क्षेत्र में ग्राम को इतना पहले अग्रणी बना दिया था|

10.सरकारी अस्पताल

टेपू की आधुनिक सुविधा में से एक सरकारी अस्पताल टेपू के विकास का प्रतीक बन चूका हैं| इसका निर्माण कार्य जारी हैं जो जल्द ही पूर्ण हो जायेगा| जिसमे आधुनिक चिकित्सा की सुविधा के साथ सभी तरह के जांच/टेस्ट की सुविधा उपलब्ध होगी| चिकित्सक की नियुक्ति का कार्य हो चूका हैं|

11.आंगनवाडी केंद्र एवम वाचनालय कक्ष

टेपू जोधाणी में आंगनवाडी केंद्र एवम वाचनालय कक्ष मध्य भाग में स्थित है जोकि जन सामान्य की सुविधा और बच्चों के विकास का केंद्र हैं| आंगनवाडी केंद्र में प्रारंभिक शिक्षा एवम शारीरिक शिक्षा के साथ बाल-विकास एवम कौशल पर आशा सहयोगी द्वारा ध्यान दिया जाता हैं|इस उपभाग में आईनाथ सेवा संस्थान का गठन किया गया हैं ताकि सभी सामाजिक कार्यक्रम को उपभाग स्तर पर पूर्ण किये जा सकें| इसके अलावा टेपू में गाजण माता जी का मंदिर,माजिसा का मंदिर एवम स्थानीय देवता के मंदिर स्थित हैं|

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